Wednesday, July 23, 2014

खेतसिंह हैं महान

कालिंजर कुंडार ,
महोबे पै फहराती जो ,
कीर्ति ध्वजा ,
खंगधारिओं ने फहराई है !
खजूरिया वो खजुराहो ,
कर रहा गुणगान ,
खेत सिंह हैं महान ,
युग नारी हरषाई है !
नंगी भोग्या जो ,
वस्तु बनी थी बाजार की ,
खेत सिंह राज्य ,
पूज्य ध्वजा बनी छाई है !
हुए जन बिह्वल ,
गायें सब करतल ,
हमें तो सत्ता श्रेष्ठ ,
खंगारों की ही आई है !
..........."अशोक सूर्यवेदी"

No comments:

Post a Comment