फिर आई है शर्द लहर ,
अब सड़क किनारे बाहर गाँव ,
झड़ी में फिर बेर पकेंगे ,
लिए तुम्हारे मैं तोडूंगा ,
खट्टे मीठे तुम खाना ,
रक्त बिन्दुओं से ऊँगली पर ,
गीत लिखूंगा तुम गाना !
जाना , तुम न जाना , तुम न जाना .........!!!
अब सड़क किनारे बाहर गाँव ,
झड़ी में फिर बेर पकेंगे ,
लिए तुम्हारे मैं तोडूंगा ,
खट्टे मीठे तुम खाना ,
रक्त बिन्दुओं से ऊँगली पर ,
गीत लिखूंगा तुम गाना !
जाना , तुम न जाना , तुम न जाना .........!!!
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