Tuesday, February 7, 2012

परमाल रासो




                              सम्राट प्रथ्वीराज और उनके सामंत   

                                   
                                   सज्यो प्रथिराज सुसज्जिय सैन ! सजे सब सावंत सूर सतेन !!
                                    सजे चाहवान सुकन्ह समथ्थ ! सजे कछवाह पजून सुगथ्थ !!1
सजे सँग चालुक सारँग देव  ! सजे सु पँवार सुलख्खन येव !!
सजे सँग दाहिम चांवड़  सूर ! सजे कयमास महामुख नूर !!2
सजे कमधुज्ज सु निद्दुर राय ! सजे परसंग सु किज्जय चाय !!
सजे सँग भौंह चंदेल सुधीर ! सजे अचलेश सु भट्टिय वीर !!3
सजे पडिहार सु अल्ह कुमार ! सजे सहसामल साखुल भार !!
सजे सु बघेले लख्खन लाय ! सजे चहुवान सु संजम राय !!4
सजे अतताइय सूर सतन्न ! सजे सँग हाहुलीराय हतन्न !!
सजे सँग गंभिर हाड हवाल !सजे वरहद्द हमीर सुचाल !!5
सजे रयपाल निसान बजाय ! सजे सँग धीर सु धाँधुव राय !!
सजे जयपाल सु  जादव वीर ! सजे जय सिंघ सु संगर धीर !!6
सजे सँग चंद पुंडीर मरद्द ! सजे सँग गौरस हादिय हद्द !!
सजे हरिचंद मलेसिय कद्द ! सजे सँग नाहरराय मरद्द !!7
सजे वर सँग सु पल्हन देव ! सजे सँग मल्ल विशाल सुयेव !!
सजे सँग जादव जाम मरद्द ! सजे गहिलौत सु गोइंद  हद्द !!8
सजे सँग वीर मकुन्द पंवार ! सजे विझराज सुखेत खंगार !!
सजे सँग बादुल सा दुलमोय !सजे सँग मल्ल चंदेल संजोय !!9
सजे सँग भट्टिय भानु गहीर !सजे सँग राम राठौर सु वीर !!
सजे निरवान सुवीर मवाह ! सजे सँग सूर प्रसंग अथाह !!10
सजे पडिहार सु पीप मरद्द ! सजे भर भीम भवाल सुहद्द !!
सजे सँग मोरिय सादुल सूर ! सजे कनकेश लिए मुख नूर !!11
सजे सँग तारन मल्ल सहस्स ! बलीभद्र पूरन मल्ल रहस्स !!
सजे सँग धवार धीर परम्म ! सजे सँग रावत राम गरम्म !12
लिए सब सावंत सूर सधन्न ! किये जुध चाव उपाव मरन्न !!
कियै दर कूच चले चाहवान ! चंदेलन  उप्पर क्रोध निदान !! 13


प्रस्तुत  पंक्तिया हिंदी साहित्य के महान ग्रन्थ परमाल  रासो ( जिसे  कुछ विद्वान "प्रथ्वीराज रासो" का ही "महोबा समय" मानते हैं ) से ली गयी हैं प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने सम्राट प्रथ्वीराज चौहान  के साथ महोबा आक्रमण के लिए जो  जो वीर सामंत अपने अपने दल के साथ युद्ध के लिए प्रस्तुत हुए  उनका वर्णन किया है ............................"अशोक सूर्यवेदी"

मलखान 


कुरिय संग सब भूप जुत , तिहि बंधव सुलतान !
तिन सह संगर ऊभिया , धन्य भूप मलिखान !!
धन्य धन्य बछराज पितु , धन्य जननि जस खानि !
तिहि मलिखे सूत जाइया , जा जस विदित  जहान !!


प्रथ्वीराज के साथी  सभी वंशो के सभी वीर  जिन्होंने सुलतान शहाबुद्दीन गौरी को बांधा उनके साथ संग्राम करने वाला वीर मलखान धन्य है उसके पिता बच्छ राज और माता धन्य हैं जिन्होंने मलखान जैसा पुत्र जाया जिसका यश जहान में प्रसिद्द है ............................................."अशोक सूर्यवेदी"


इत आयव चहुवान  नृप , उत आयव मलखान !
लखा लखौ दुहुँ ओर हुव , बज्जे घोर निसान !!
चाहुवान मलखान जुरि , होत घोर घमसान !
बीर अलकपुर संभु सह , बुल्लिय  यही जुबान !!
चाहुवान चंदेल भर , भिरत भूमि भरिवथ्थ !
लेहु ईस बहु सीस थां , कह कह वीर सुकथ्थ !!