Sunday, July 20, 2014

" उमर बीत गयी "

उमर बीत गयी कब जाने ,
शेष बचा जीवन कितना !
काम तनिक न हुआ जन्म का ,
लेकर आया था जितना !
आगाह तुम्हें करता हूँ ,

प्रिय तुम भूल न जाना !
निज अनुभव लेकर के ,
मैं गीत लिखूंगा तुम गाना !
जाना , तुम न जाना , तुम न जाना ...!

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