Tuesday, March 8, 2016

खड्गधारी खंगार नाव खौं चितै रहो

चंदेल चौकड़ी के मूड़ पै सवार खेत ,
खड्गधारी खंगार नाव खौं चितै रहो !

रनखेत में है खेत बाघ सौ बहादुरौ ,
काट काट मुंड अरि रुण्ड खौं रितै रहो !

चकित चाहमान भी चतेरते हैं चौज को ,
चतेरे चमु चंदेल चौंक जौ इतै रहो !

वीरन में वीर खेतसिंह रन खेत माह ,
करत किलोल करबाल खौं जितै रहो !!