समग्र
दुनियाँ भर की पोथीं पढ़ लो , ग्रंथों वेदों का भी सार ! जीवन स्नातक हो जाओगे , आ जाओ बस इक ही बार ! जीवन की शाला का दर्शन , यहाँ रमा है कण कण में ! शाश्वत सत्य का पाठ पढाता , रहकर मौन भी गढ़ कुंडार !! ..................."अशोक सूर्यवेदी"
I Feel It .....
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