चंदेल चौकड़ी के मूड़ पै सवार खेत ,
खड्गधारी खंगार नाव खौं चितै रहो !
रनखेत में है खेत बाघ सौ बहादुरौ ,
काट काट मुंड अरि रुण्ड खौं रितै रहो !
चकित चाहमान भी चतेरते हैं चौज को ,
चतेरे चमु चंदेल चौंक जौ इतै रहो !
वीरन में वीर खेतसिंह रन खेत माह ,
करत किलोल करबाल खौं जितै रहो !!
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