समग्र
खेत सिंह की जन्म जयंती , हर्षित मन फिर अपरंपार ! मित्र सखा सम्बन्धी आएं , आएं रिश्ते नाते दार ! तीन दिवस फिर लगेगा मेला , वीरों की रजधानी में , मैं भी आऊँ तुम भी आओ , बुला रहा है गढ़ कुण्डार ............."अशोक सूर्यवेदी"
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