Tuesday, August 12, 2014

ज्ञान कोष के हीरे मोतीं , रोज लुटाता गढ़ कुंडार !!


सेंध लगाकर ढूंढा करते ,
सोने चांदी के भंडार !
चंदेलों की अतुल सम्पदा ,
किंवा छोड़ गए खंगार !
अपने अंतस के चक्षु खोलो ,
बहुत मिलेगा जीवन भर !
ज्ञान कोष के हीरे मोतीं ,
रोज लुटाता गढ़ कुंडार !!
..................."अशोक सूर्यवेदी " 

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