अशोक सूर्यवेदी
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सोरठ कच्छ गुजरात जुझौती का ,शासक था जो वंश खंगार ।
उसी वंश की संतति हैं हम , गर्व हमें हम हैं खंगार !
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सोरठ का था सिद्ध पुरूष ,वह रा कवाट का पुत्र खंगार !
प्रजापति प्रतिपालक राजा ,रानक दे का पति खंगार !
सिद्ध राज भी कभी समर में ,हुआ न जिसके सम्मुख पार !
गद्दारी की गाज गिरी तो, क्षार हुआ फिर वह अंगार !
सिद्ध राज ने चोरी चुपके , खंगार वीर का नाश किया !
रानक दे फिर सती हुई , और वीर प्रष्ट का अंत हुआ !
रानक दे यों सती हुयी कि तारीखों ने किया सिंगार !
उसी वंश कि संतति है हम ,गर्व हमें हम हैं खंगार !
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है प्रसिद्द गुजरात जगत में ,कच्छ पति वह जाम खंगार !
हम्मीर गृहे वो जन्मा यों ,ज्यों दशरथ के हो राम खंगार !
दो हाँथ विप्पत्ति से करते ही, बचपन उसका बीत गया !
रन कौशल संग नीति विधि ले , अजेय हुआ सब जीत गया !
सागर ने अभिषेक किया तब , कच्छ पति जब बना खंगार !
उसी वंश कि संतति है हम , गर्व हमें हम हैं खंगार !
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अब आओ बात करें धरा की ,जिसके जल में है अंगार !
पानी दार है मानी जिसका, खड्ग देह का है सिंगार !
है खंड बुंदेलखंड जो अब , तब जुझौती खंड कहलाता था !
यवन काल में जिसके सर केशरिया फहराता था !
वीर जुझौती की ही रजधानी, था ये गढ़ कुंडार !
उसी वंश कि संतति है हम , गर्व हमें हम हैं खंगार !
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हुए यहाँ पर भूपति खेता ,खींची पज्जुन राय खंगार !
नहीं समर में सानी जिनका ,सदा दाहिने थी तलवार !
दिल्लीपति चौहान भी जिनके, बल पर ही दम भरता था !
खेता खंगार चामुंडा राय को, रण में दायें करता था !
काल चक्र से टूटीं कड़ियाँ ,शेष है "साक्षी" गढ़ कुंडार !
उसी वंश कि संतति हैं हम, गर्व हमें हम हैं खंगार !
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द्वारा:-
अशोक सूर्यवेदी
मऊरानीपुर झाँसी
उत्तर प्रदेश
मो.९४५००४०२२७
अब आओ बात करें धरा की ,जिसके जल में है अंगार !
पानी दार है मानी जिसका, खड्ग देह का है सिंगार !
है खंड बुंदेलखंड जो अब , तब जुझौती खंड कहलाता था !
यवन काल में जिसके सर केशरिया फहराता था !
वीर जुझौती की ही रजधानी, था ये गढ़ कुंडार !
उसी वंश कि संतति है हम , गर्व हमें हम हैं खंगार !
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हुए यहाँ पर भूपति खेता ,खींची पज्जुन राय खंगार !
नहीं समर में सानी जिनका ,सदा दाहिने थी तलवार !
दिल्लीपति चौहान भी जिनके, बल पर ही दम भरता था !
खेता खंगार चामुंडा राय को, रण में दायें करता था !
काल चक्र से टूटीं कड़ियाँ ,शेष है "साक्षी" गढ़ कुंडार !
उसी वंश कि संतति हैं हम, गर्व हमें हम हैं खंगार !
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द्वारा:-
अशोक सूर्यवेदी
मऊरानीपुर झाँसी
उत्तर प्रदेश
मो.९४५००४०२२७
अच्छी रचना। बधाई। ब्लॉगजगत में स्वागत।
ReplyDeleteBlog jagat me snehil swagat hai!
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http:kavitasbyshama.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
आपसे परिचय पाकर हमें भी खुशी हुई
ReplyDeleteस्वागतम
narayan narayan
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