Sunday, February 12, 2012

परमाल रासो

परमाल रासो 

सह्सा मल सांखुल संग दियं ! इतनै सरदार सुवाम कियं  
कयमास कमद्धुज विक्रमयं ! तह टांक सुचाऊ अति क्रमयं !
जहं गौर संघातिय जोर दलं ! तहं खेत खंगार से चार बलं !
कयमास सु संमर मद्ध हुवं ! चतुरंगिय सैन विराज दुवं  !!
हलकारिय सैन नरे सुरयं ! चले चावंड राय बली धुरियं !
इहि भांति सुफौज पिलाय दियं ! कविचंद कहै वरदाईययं !!

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