Friday, November 25, 2011

"एक युद्ध अब आर पार का होना बहुत जरुरी है"





करगिल ने बदला माँगा है मुंबई भेज रही सन्देश !
पंचवटी  में रावण बैठे शाह इमामों का धर वेश !!
तीर चले अब आगे कोई भारत माँ की छाती पर !
इससे पहले जंग छेड़ दो पाकिस्तानी धरती पर !!
धर्म संस्कृति के नैतिक मूल्यों की मांग सुरक्षा की !
उन्मांद नहीं आवश्यकता ये हिन्दू हित की रक्षा की !!
जब मंदिर की पूजा घंटी पीड़ा से आकुल व्याकुल हो !
जब आरतियों के दीपों की ज्योति प्रतीत शोकाकुल हो !!
जब कोयल पपीहे मैना के गीतों भी दहशत  हो !
जब चूड़ी पायल  कंगन झांझर के स्वर भी आहात हों !!
जब बचपन की किलकारी भी आँगन में नहीं सुरक्षित हो !
जब भारत माँ का शीश मुकुट ही दुश्मन हाथों लक्षित हो !!
तब धीरज संयम के कोई मोल  नहीं रह जाते हैं !
ज्यादा संयम करने वाले जग में कायर ही कहलाते हैं !!
हमने गौरी माफ़ किया था बदले में क्या पाया था !
ताशकंद  के समझौते ने लाल बहादुर खाया था !!
हम दुनिया के शक्ति शिखर हैं बतलाना बहुत जरुरी है !
एक युद्ध अब आर पार का होना बहुत जरुरी है 
.............................""अशोक सूर्यवेदी""

No comments:

Post a Comment